400 मिलियन तीर्थयात्री इस त्यौहार को मनाने के लिए प्रयागराज की यात्रा करते हैं, जो शहर की स्थापना की कहानी पर आधारित है, जिसमें 20 मिलियन से अधिक तीर्थयात्री 45 दिनों की अवधि में स्नान में भाग लेने की उम्मीद करते हैं।
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इस कार्यक्रम
के मुख्य अनुष्ठान में गंगा नदी और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर स्नान करना शामिल है। हिंदुओं का मानना है कि स्नान करने से उनके पापों से मुक्ति मिलती है और वे जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं।