मां ने 2019 में कैंसर के कारण अपने पति की मृत्यु के बाद इस प्रक्रिया की शुरुआत की।

RTP की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'पोस्ट-मॉर्टम' गर्भाधान की वकालत करने वाली परियोजना का जन्म नागरिकों की विधायी पहल से हुआ था और इसके कारण चिकित्सकीय रूप से सहायता प्राप्त प्रजनन के संबंध में कानून में बदलाव आया